बोन मैरो, जिसे अस्थि मज्जा भी कहा जाता है, हड्डियों के अंदर मौजूद होने वाला सॉफ़ और स्पॉंजी ऊतक (तंतु) है, जो शरीर के तंतुप्रणाली का हिस्सा होता है। यह मज्जाधारी हड्डियों के अंदर पाया जाता है, जैसे कि फेमर (जांघ की हड्डी) और स्टर्नम (सीने की हड्डी) में।
जानकारी के मुख्य हेडिंग
बोन मैरो का मुख्य कार्य क्या होता है?
बोन मैरो का मुख्य कार्य होता है रक्त की कोशिकाओं का उत्पादन करना, जो रक्त की सेल्स होती हैं। इसमें तीन प्रकार की कोशिकाएं बनती हैं: लाल रक्त की कोशिकाएं (रेड ब्लड सेल्स), व्हाइट ब्लड सेल्स (जो रक्त की संरक्षा में मदद करती हैं), और प्लेटलेट्स (जो रक्त की थकवा की बंदूक के रूप में कार्य करती हैं)।
इसके अलावा, बोन मैरो का योगदान हड्डियों की गुठलियों और उनकी स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। यह भी कैल्शियम, फॉस्फेट, और अन्य मिनरल्स को शरीर में संरक्षित करता है और उन्हें उपयोग करने के लिए उपलब्ध कराता है।
बोन मैरो का स्वस्थता रक्त के उत्पादन और हड्डियों की संरचना के लिए महत्वपूर्ण होता है, और इसकी जाँच और उपचार में मेडिकल विज्ञानकारों का महत्वपूर्ण सहयोग होता है।
बोन मैरो के प्रकार
बोन मैरो, जिसे हड्डी मज्जा भी कहा जाता है, शरीर के हड्डियों के अंदर मौजूद होता है और यह तीन प्रकार का होता है: रेड मैरो, येलो मैरो, और ग्रे मैरो।
- रेड मैरो (Red Marrow): रेड मैरो का लाल रंग होता है और यह हड्डियों के अंदर पाया जाता है, खासतर छोटी हड्डियों और हड्डियों के बीच में। यह रक्त की कोशिकाओं का निर्माण करता है, जिन्हें हेमोपोएटिक कोशिकाएं कहा जाता है। यह हमारे शरीर के रक्त उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
- येलो मैरो (Yellow Marrow): येलो मैरो पीले रंग का होता है और यह हड्डियों के अंदर पाया जाता है, खासतर बड़ी हड्डियों के बीच और हड्डियों के पार्ट्स में। यह अधिकांश फैट (शरीर के रूप और ढालने वाली मांसपेशियों का संगठन) का भंडार होता है। येलो मैरो काम के लिए नहीं होता है, लेकिन यह जरूरत पड़ने पर रेड मैरो में बदल सकता है।
- ग्रे मैरो (Grey Marrow): ग्रे मैरो अक्सर येलो मैरो से निकलने वाला होता है और यह हड्डियों के आसपास होता है। इसका रंग ग्रे या भूरा होता है। ग्रे मैरो में अधिकांश युक्तियाँ होती हैं, जो हड्डियों की संरचना और स्थिरता को बनाए रखने में मदद करती हैं।
इन तीनों प्रकार के मैरो का आपके शरीर के विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका होता है, खासतर रक्त की कोशिकाओं के निर्माण और हड्डियों की संरचना के प्रक्रियाओं में।
बोन मैरो कहां होता है?
बोन मैरो (हड्डी मज्जा) शरीर के हड्डियों के अंदर होता है। यह शरीर के अंदर कई हड्डियों के पास मिलता है, और यह आमतौर पर निम्नलिखित दो प्रकार में होता है:
- रेड मैरो (Red Marrow): रेड मैरो लाल रंग का होता है और इसे आपके हड्डियों के अंदर, खासतर छोटी हड्डियों और हड्डियों के बीच में पाया जाता है। रेड मैरो में रक्त की कोशिकाएं बनती हैं, जिन्हें हेमोपोएटिक कोशिकाएं कहा जाता है। यह रक्त की कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, और यह रक्त के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- येलो मैरो (Yellow Marrow): येलो मैरो पीले रंग का होता है और इसे बड़ी हड्डियों के बीच और हड्डियों के पार्ट्स में पाया जाता है। यह अधिकांश फैट (शरीर के रूप और ढालने वाली मांसपेशियों का संगठन) का भंडार होता है और यह जब जरूरत पड़ती है, तो ये फैट को रेड मैरो में बदल सकता है।
बोन मैरो मुख्य रूप से रक्त की कोशिकाओं के निर्माण और हड्डियों की संरचना के लिए महत्वपूर्ण होता है, और यह शरीर के स्वस्थता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
बोन मैरो टेस्ट क्या है?
“बोन मैरो टेस्ट” एक मेडिकल प्रज्ञानी परीक्षण है जिसका उद्देश्य हड्डियों के मैरो (हड्डी मज्जा) की स्वस्थता और कार्यक्षमता की जाँच करना होता है। यह टेस्ट डॉक्टरों को यह जानने में मदद करता है कि शरीर के रक्त उत्पादन, रक्त की कोशिकाओं की संख्या, और अन्य ब्लड डिसोर्डर्स के संकेत कैसे हो रहे हैं।
बोन मैरो टेस्ट के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
- बोन मैरो बायोप्सी (Bone Marrow Biopsy): इस प्रकार के टेस्ट में, एक छोटी सी कण्टी या सुई का उपयोग किया जाता है जो हड्डी के मैरो को प्राप्त करने के लिए अच्छादित होता है। डॉक्टर इस कण्टी को अक्षमत इलाके की हड्डी के अंदर डालते हैं और नमूना प्राप्त करते हैं। इस नमूने को फिर लैब में जांच किया जाता है ताकि रक्त की कोशिकाओं की संख्या और उनकी स्वस्थता का मूल्यांकन किया जा सके।
- बोन मैरो अस्पिरेट (Bone Marrow Aspiration): इस प्रकार के टेस्ट में, एक सुई का उपयोग किया जाता है जो हड्डी के मैरो के पार्ट को अच्छादित करती है। फिर, इस स्थल से नमूना निकाला जाता है और यह नमूना लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।
बोन मैरो टेस्ट डॉक्टरों को यह जानने में मदद करता है कि क्या हड्डियों के मैरो में कोई समस्या है और रक्त की कोशिकाओं की संख्या नॉर्मल है या नहीं। इसका उपयोग ब्लड डिसोर्डर्स, लुकेमिया, एनीमिया, और अन्य आयरन डिफिशेंसी जैसी बीमारियों की जाँच में किया जा सकता है।