WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

पतंजलि आयुर्वेद का ‘दिव्य दंत मंजन’ में मांसाहारी तत्वों का आरोप, एडवोकेट यतिन शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर किया

हाल ही में पतंजलि आयुर्वेद के उत्पाद ‘दिव्य दंत मंजन’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एडवोकेट यतिन शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि इस उत्पाद में मांसाहारी तत्वों का उपयोग किया गया है। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं।

  • उत्पाद का नाम: दिव्य दंत मंजन
  • आरोप: मांसाहारी तत्वों का उपयोग (समुद्र फेन)
  • याचिकाकर्ता: एडवोकेट यतिन शर्मा
  • कोर्ट की कार्रवाई: पतंजलि और केंद्र सरकार को नोटिस जारी
  • अगली सुनवाई: 28 नवंबर

दिव्य दंत मंजन’ में मांसाहारी तत्वों का आरोप, एडवोकेट यतिन शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर किया

एडवोकेट यतिन शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि दिव्य दंत मंजन में समुद्र फेन नामक मांसाहारी तत्व का उपयोग किया गया है। यह तत्व कटल फिश से प्राप्त होता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह उत्पाद लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है और यह ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन है।

कोर्ट की कार्रवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को निर्धारित की है।

याचिकाकर्ता के आरोप

याचिकाकर्ता ने कहा है कि दिव्य दंत मंजन को शाकाहारी बताया गया है, जबकि इसमें समुद्र फेन का उपयोग किया गया है, जो कि मांसाहारी पदार्थ है। उन्होंने उत्पाद पर ग्रीन लेबल (वेजिटेरियन) का भी उल्लेख किया है और इसे भ्रामक बताया है।

पतंजलि का पक्ष

हालांकि, अभी तक पतंजलि आयुर्वेद की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कंपनी की तरफ से कोर्ट में जवाब देने की उम्मीद है।

FAQs

दिव्य दंत मंजन में कौन-कौन से तत्व शामिल हैं?

दिव्य दंत मंजन में समुद्र फेन का उपयोग होने का दावा किया गया है, जो कटल फिश से प्राप्त होता है। अन्य तत्वों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

समुद्र फेन क्या है?

समुद्र फेन कटल फिश से प्राप्त एक पदार्थ है, जो आमतौर पर मांसाहारी तत्व माना जाता है।

क्या दिव्य दंत मंजन वाकई में मांसाहारी है?

इस सवाल का जवाब कोर्ट की सुनवाई और जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। याचिकाकर्ता का दावा है कि इसमें मांसाहारी तत्व शामिल हैं।

कोर्ट की अगली सुनवाई कब है?

इस मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होनी है।

पतंजलि आयुर्वेद ने इस मामले पर क्या कहा है?

अभी तक पतंजलि आयुर्वेद की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कंपनी की तरफ से कोर्ट में जवाब देने की उम्मीद है।

क्या यह उत्पाद अभी भी बाजार में उपलब्ध है?

इस मामले पर कोर्ट का निर्णय आने तक यह उत्पाद बाजार में उपलब्ध हो सकता है। हालांकि, ग्राहकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

इस विवाद के बाद पतंजलि आयुर्वेद और उनके उत्पादों की विश्वसनीयता पर सवाल उठे है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट का निर्णय क्या होता है और इस मामले का समाधान कैसे निकाला जाता है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Share on:

Leave a Comment